हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के लिए लक्ष्य निर्धारित

भूजल स्तर में गिरावट का निदान

धान छोड़ने वाले किसान का सम्मान

फसल विविधता के लिए लक्ष्य निर्धारित

हरियाणा प्रदेश सरकार ने राज्य में क्रॉप डायवर्सिफिकेशन (Crop Diversification) यानी फसल विविधीकरण के लिए हरियाणा फसल विविधीकरण योजना (मेरा पानी मेरी विरासत - Mera Pani Meri Virasat) शुरू की है। हरियाणा क्रॉप डायवर्सिफिकेशन स्कीम (Haryana Crop Diversification Scheme) अर्थात हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के तहत, धान की पारंपरिक फसल छोड़ने वाले किसानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा।
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इस स्कीम के तहत धान जैसी पारंपरिक फसल त्यागने का निर्णय लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 7 हजार रुपये की राशि बतौर प्रोत्साहन प्रदान की जाती है। राज्य सरकार मक्का उगाने वाले किसानों को 2400 रुपये प्रति एकड़ और दलहन (मूंग, उड़द, अरहर) की पैदावार करने वाले कृषकों को 3600 रुपये प्रति एकड़ के मान से अनुदान राशि प्रदान करती है।


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आपको बता दें हरियाणा सरकार की ओर से फसल विविधीकरण स्कीम (Haryana Crop Diversification Scheme) के तहत यह प्रोत्साहन राशि किसान को सिर्फ 5 एकड़ की कृषि भूमि के लिए ही प्रदान की जाती है। राज्य सरकार द्वारा साल 2022 के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार प्रदेश की 50 हज़ार एकड़ कृषि भूम पर योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।

स्कीम का कारण

हरियाणा प्रदेश में किसानों द्वारा एक सी फसल उगाने के कारण खेतों की पैदावार क्षमता प्रभावित हो रही है। एक जैसे रसायनों एवं कीटनाशकों के सालों से हो रहे प्रयोग के कारण कृषि भूमि की उर्वरता भी खतरे में है। साथ ही राज्य में भूजल स्तर में भी गिरावट देखी जा रही है।


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इन सभी समस्याओं के मूलभूत उपचार फसल विविधीकरण के तरीके को अपनाते हुए सरकार ने हरियाणा फसल विविधीकरण स्कीम को बतौर प्रोत्साहन राज्य में लागू किया है।

फसल बदलने प्रोत्साहन

फसल विविधीकरण स्कीम में सालों से चली आ रही एक सी फसल उगाने की परंपरा के बजाए किसानों को बदल-बदल कर कृषि भूमि, पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य उपयोगी फसल उगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस योजना के जरिए प्रदेश में धान की खेती के बजाए दूसरी खेती फसल अपनाने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।

अनुदान का प्रबंध

अन्य फसलों जैसे कपास, मक्का, दलहन, ज्वार, अरंडी, मूंगफली, सब्जी एवं फल आदि की किसानी करने वाले किसानों को अनुदान राशि भी प्रदेश में प्रदान की जा रही है।

योजना का उद्देश्य

हरियाणा प्रदेश सरकार ने हरियाणा फसल विविधीकरण योजना को लागू करने का निर्णय, राज्य में भूजल की बढ़ती परेशानी के निदान के लिए लिया है। धान की खेती में बहुत मात्रा में पानी की जरूरत होती है। मूल तौर पर धान की किसानी की वजह से प्रदेश के भूजल स्तर में चिंतनीय गिरावट देखी गई है।


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इस समस्या के प्राकृतिक समाधान के तहत प्रदेश में फसल विविधीकरण के लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। क्रॉप डायवर्सिफिकेशन स्कीम से प्रदेश में अन्य फसलों की खेती तरीकों में भी वृद्धि होगी। इससे भूजल गिरावट की समस्या का भी समाधान हो सकेगा

चावल पीता है पानी

कृषि अनुसंधान के अनुसार 1 किलोग्राम चावल की पैदावार के लिए औसतन 300 लीटर पानी लगता है। इस खपत को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण के लक्ष्य पर काम करना शुरू किया है, ताकि घट रहे भूजलस्तर की समस्या का समय रहते प्राकृतिक तरीके से समाधान किया जा सके।

अंतिम तारीख 31 अगस्त

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना 2022 के तहत योजना संबंधी आवेदन जमा करने की प्रदेश सरकार ने अंतिम समय सीमा 31 अगस्त 2022 तय की है। इसके लिए आवेदक को आधार कार्ड क्रमांक से संबद्ध बैंक खाता संबंधी जानकारी आवेदन पत्र में दर्शानी होगी। योजना के पात्र हितग्राही आवेदक को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन धन राशि उसके बैंक खाते में जमा की जाएगी।

कृषि यंत्र अनुदान

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना (Haryana Crop Diversification Scheme) के जरिये सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए अनुदान भी प्रदान किया जाएगा।

योजना इनके लिए है

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना का लाभ प्रदेश के निवासी को ही प्रदान किया जाएगा। योजना के अनुसार कृषक को पिछले वर्ष की तुलना में धान के रकबे के कम से कम 50% हिस्से में दूसरी फसलों की पैदावार करना होगी।


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इसके अलावा बैंक खाता, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, कृषि योग्य भूमि संबंधी दस्तावेज, पहचान पत्र, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण,

पासपोर्ट साइज फोटो भी आवेदक को योजना के लिए दर्शाना होगी।

हरियाणा फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कृषक मित्र, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करा सकते हैं।